Introduction : राजस्थान लोक सेवा आयोग
राजस्थान लोक सेवा आयोग एक संवैधानिक आयोग है जिसका उल्लेख संविधान के भाग-14वें (अनुच्छेद 308- 323) के दूसरे अध्याय (अनुच्छेद 315-323) में है।
अनुच्छेद 315 के अनुसार प्रत्येक राज्य में एक लोक सेवा आयोग होगा।
राजस्थान के गठन के समय तीन रियासतों जोधपुर (1939), जयपुर (1940) तथा बीकानेर (1946) में इनके अपने लोक सेवा आयोग थे।
राजस्थान लोक सेवा आयोग के गठन हेतु राजस्थान सरकार ने 16 अगस्त, 1949 को एक अध्यादेश जारी किया जिसके तहत् 20 अगस्त 1949 को जयपुर में राजस्थान लोक सेवा आयोग की स्थापना की गई।
इसी अध्यादेश में यह प्रावधान किया गया कि जिस दिन से आयोग में सदस्य नियुक्त करने की अधिसूचना प्रकाशित की जायेगी। उसी दिन से आयोग प्रभाव में आ जायेगा। अतः राजस्थान राजपत्र में 22 दिसम्बर, 1949 को सदस्य नियुक्त करने की अधिसूचना प्रकाशित होने के साथ ही आयोग प्रभाव में आ गया।
राज्य पुनर्गठन के बाद 1957 में सत्यनारायण राव समिति की सिफारिश के आधार पर इसे अजमेर स्थानान्तरित किया गया।
आयोग का सचिव भारतीय प्रशासनिक सेवा का अधिकारी होता है। सचिव द्वारा समस्त प्रशासनिक एवं वित्तीय कार्य का निष्पादन किया जाता है।
सदस्य संख्या तथा सदस्यों की योग्यता
संविधान में आयोग के सदस्यों की संख्या का उल्लेख नहीं किया गया है और न ही सदस्यों की योग्यता का उल्लेख किया गया है तथा यह राज्यपाल की स्वविवेकीय शक्ति है।
लेकिन यह कहा गया है कि आयोग के कम से कम आधे सदस्य भारत सरकार या किसी राज्य सरकार के अधीन कम से कम 10 वर्ष तक पद धारण कर चुके अनुभव प्राप्त व्यक्ति हो ।
RPSC की वर्तमान संरचना
वर्तमान में आयोग में एक अध्यक्ष एवं सात सदस्य है। जबकि शुरूआत में एक अध्यक्ष एवं दो सदस्य थे।
सदस्य संख्या में वृद्धि
वर्ष अध्यक्ष + सदस्य
1949. 1+2
1968. 1+3
1973. 1+4
1981. 1+5
2011. 1+7
सदस्यों की नियुक्ति (अनु. 316) राजस्थान लोक सेवा आयोग
अध्यक्ष भी नियुक्त कर सकता आयोग के अध्यक्ष तथा सदस्यों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है तथा राज्यपाल आयोग के किसी सदस्य को कार्यवाहक है।
कार्यकाल (अनु॰ 316) राजस्थान लोक सेवा आयोग
आयोग के अध्यक्ष तथा सदस्य पद ग्रहण की तिथि से 6 वर्ष की अवधि या 62 वर्ष की आयु, जो पहले हो, तब तक पद धारण करता है।
अध्यक्ष तथा सदस्य राज्यपाल को संबोधित त्यागपत्र से अपना पद छोड़ सकते है।
अध्यक्ष को पद से हटाना (अनु. 317)राजस्थान लोक सेवा आयोग
RPSC के अध्यक्ष या सदस्य को केवल कदाचार के आधार पर राष्ट्रपति के ऐसे आदेश से उसके पद से हटाया जा सकता है जो सर्वोच्च न्यायालय द्वारा की गई जाँच के उपरांत दिए गए प्रतिवेदन पर आधारित हो ।
नोट – RPSC के अध्यक्ष तथा सदस्यों की नियुक्ति राज्यपाल करता है लेकिन वह उन्हें पद से नहीं हटा सकता। अध्यक्ष तथा सदस्यों को पद से हटाने का अधिकार राष्ट्रपति को प्राप्त है। राष्ट्रपति उन्हें उसी आधार पर हटा सकते हैं जिन आधारों पर यूपीएससी के अध्यक्ष व सदस्यों को हटाया जाता है। जिनके आधार –
1. अगर उसे दिवालिया घोषित कर दिया जाता है, या मानसिक व शारीरिक रूप से असक्षम हो गया हो।
2. अपनी पदावधि के दौरान अपने पद के कर्तव्यों के बाहर किसी सवेतन नियोजन में लगा हो, या
3. इसके अलावा राष्ट्रपति RPSC के अध्यक्ष व सदस्यों को कदाचार के कारण भी हटा सकता है। लेकिन कदाचार के मामले में राष्ट्रपति उच्चतम न्यायालय से सलाह करता है।
सदस्यों की सेवा शर्तों का निर्धारण (अनु. 318) राजस्थान लोक सेवा आयोग
आयोग के अध्यक्ष तथा सदस्यों की सेवा शर्तों का निर्धारण राज्यपाल करता है।
आयोग के सदस्यों की संख्या निर्धारित करने का अधिकार भी राज्यपाल को होता है।
नियुक्ति के पश्चात इनकी सेवा शर्तों में कोई अलाभकारी परिवर्तन नहीं किया जा सकता।
सदस्य न रहने पर अन्य पद धारण करने पर प्रतिबंध (अनु. 319) राजस्थान लोक सेवा आयोग
RPSC के अध्यक्ष/सदस्य UPSC का अध्यक्ष या सदस्य के रूप में या किसी अन्य राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त होने का पात्र होगा, किंतु भारत सरकार या किसी राज्य सरकार के अधीन किसी अन्य पद हेतु पात्र नहीं होगा।
आयोग के कार्य (अनु. 320) राजस्थान लोक सेवा आयोग
RPSC राजस्थान का सबसे बड़ा भर्ती अभिकरण है, यह विभिन्न प्रकार की परीक्षाओं का आयोजन करता है। तथा साक्षात्कार का आयोजन करता है।
यह राज्य सेवा की भर्तियों से संबंधित नियम बनाता है तथा राज्यपाल द्वारा निर्देशित किसी विषय पर सलाह देता है।
एक सेवा से दूसरी सेवा में पदोन्नति संबधी नियम बनाता है तथा पदोन्नति संबंधी कार्यों में सहयोग प्रदान करता है।
लोक सेवा आयोगों के कार्यों का विस्तार (अनु. 321) राजस्थान लोक सेवा आयोग
UPSC के कार्यों का विस्तार संसद करती है जबकि –
RPSC के कार्यों का विस्तार राज्य विधानमण्डल करती है।
आयोग के व्यय (अनु. 322 ) राजस्थान लोक सेवा आयोग
RPSC के समस्त व्यय तथा इसके अध्यक्ष तथा सदस्यों का वेतन-भत्ते तथा पेंशन राज्य की संचित निधि पर आश्रित होते है।
RPSC प्रतिवर्ष अपने कार्यों की रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपता है तथा राज्यपाल इस रिपोर्ट को राज्य विधानमण्डल में रखवाता है।
विशेष तथ्य : Important Facts राजस्थान लोक सेवा आयोग
RPSC के प्रथम अध्यक्ष एस. के. घोष थे।
RPSC के वर्तमान अध्यक्ष संजय कुमार श्रोत्रिय (38वें) है।
RPSC के वर्तमान सचिव हरजी लाल अटल है।
RPSC के सबसे लम्बी अवधि तक रहने वाले अध्यक्ष डी. एस. तिवारी है।
अध्यक्ष के रूप में न्यूनतम कार्यकाल-
बी.एल. रावत (1.08.1966 से 3.09.1966)- 34 दिन
एस. के. घोष (22.12.1949 – 25.01.1950)- 35 दिन पी.एस. यादव (1.10.1997 से 6.11.1997) – 37 दिन
आयोग के प्रथम अल्पसंख्यक अध्यक्ष मोहम्मद याकूब
आयोग के प्रथम कार्यवाहक अध्यक्ष एल.एल. जोशी (1958- 1960)
अब तक सात कार्यवाहक अध्यक्ष रहे है एल. एल. जोशी, एस. सी. सिंघारिया, एस. एस. टाक, एच. एल. मीना व आर. डी. सैनी, शिवसिंह राठौड़ व जसवंत सिंह राठी (कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में सबसे छोटा 15 दिन का कार्यकाल)।
प्रथम महिला सदस्य – कांता खतुरिया
राज्य के मुख्य सचिव जो RPSC के सदस्य रहे- एस.डी.उज्ज्वल
RPSC के एकमात्र अध्यक्ष जो RPSC के सचिव भी रहे- नंदकिशोर बैरवा
RPSC के एकमात्र अध्यक्ष जो राजस्थान उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस रहे- एस. के. घोष
RPSC के एकमात्र अध्यक्ष जो DGP रहे- भूपेन्द्र सिंह यादव (35वें)
RPSC के वह अध्यक्ष जो बाद में केन्द्रीय मंत्री रहे- सी.आर. चौधरी ।
RPSC के वे सदस्य जो अन्य सेवाओं से रहे-
श्री रघुकुल तिलक (वाईस चांसलर व राजस्थान के राज्यपाल)
श्री धूलेश्वर मीणा (भूतपूर्व सांसद)
श्री एन.एल. जैन (भूतपूर्व विधान सभा अध्यक्ष)
श्रीमती कांता खतूरिया (पूर्व विधायक)
श्रीमती कमला भील (राजस्थान सरकार में भूतपूर्व राज्य मंत्री)
श्री ओ.पी. गुप्ता (भूतपूर्व मुख्य सचेतक राजस्थान विधान सभा)
RPSC अध्यक्ष एवं सदस्य के रूप में महिलाएं-
अब तक एक भी महिला अध्यक्ष नहीं बनी है।
अब तक RPSC सदस्य के रूप में कुल 4 महिलाएं रही है राजस्थान लोक सेवा आयोग
श्रीमती कांता खतूरिया
• श्रीमती कमला भील
• श्रीमती प्रकाशवती शर्मा
श्रीमती दिव्या सिंह
पद से इस्तीफा दिया राजस्थान लोक सेवा आयोग
1. कांता खतुरिया (UPSC की सदस्य बनी)
2. शिवपाल सिंह नांगल
3. श्रीमती दिव्या सिंह
4. श्याम सुन्दर शर्मा (सदस्य पद से इस्तीफा देकर अध्यक्ष बने)
RPSC के सदस्य जो बाद में UPSC के सदस्य बने राजस्थान लोक सेवा आयोग
1. कांता खतुरिया (राजस्थान महिला आयोग की अध्यक्ष भी रही।)
2. प्रकाशवती शर्मा
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