महाराणा राज सिंह की गाथा : मेवाड़ का वीर

राज सिंह परिचय : महाराणा जगतसिंह का पुत्र राजसिंह 1652 को अपने पिता की मृत्यु के बाद मेवाड़ का शासक बना। • राज्यारोहण के समय तत्कालीन मुगल सम्राट शाहजहाँ ने राजसिंह को राणा का खिताब, पांच हजार जात तथा पांच हजार सवारों का मनसब देकर जमथर हाथी, घोड़े आदि भेजे। राज सिंह के द्वारा चितोड़ … Read more

राव चंद्रसेन राठोड़ : मारवाड़ का प्रताप

राव चंद्रसेन राठोड़ : परिचय • जोधपुर राज्य की ख्यात के अनुसार चन्द्रसेन का जन्म 1541 ई. में हुआ।॰ मालदेव अपने ज्येष्ठ पुत्र राम से नाराज था जबकि उससे छोटे पुत्र उदयसिंह को पटरानी स्वरूपदे (चंद्रसेन की माँ) ने राज्याधिकार से वंचित करवा दिया। इस कारण मालदेव की मृत्यु के बाद उसकी इच्छानुसार 31 दिसम्बर, … Read more

गणेश्वर सभ्यता : सीकर

परिचय : गणेश्वर सभ्यता • गणेश्वर सभ्यता सीकर जिले के नीमकाथाना तहसील में कांवली नदी के किनारे से प्राप्त हुई है। इसकी खोज रतनचन्द्र अग्रवाल ने की तथा इसका उत्खनन कार्य रतनचन्द्र अग्रवाल द्वारा 1977 में किया गया और बाद में 1978-79 में विजय कुमार ने निर्देशन में उत्खनन कार्य किया गया। गणेश्वर एक ताम्रयुगीन … Read more

महाराणा सांगा : भारत का हिंदुपत

महाराणा सांगा का परिचय राणा सांगा अपने तीनों भाइयों पृथ्वीराज जयमल व राजसिंह से उत्तराधिकार संघर्ष में जीतकर 1509 ई. में मेवाड का शासक बना। राणा सांगा इतिहास में ‘हिन्दुपत’ नाम से प्रसिद्ध था। उसके शरीर पर 80 घाव थे फिर भी चेहरे से राजोचित तेज टपकता था। राणा सांगा अपने तीनों भाइयों पृथ्वीराज जयमल … Read more

Kalibanga Sabhyata : कालीबंगा सभ्यता

परीक्षा की द्रष्टि से अति महत्वपूर्ण तथ्य : कालीबंगा सभ्यता ॰ कालीबंगा की खोज अमलानंद घोष ने 1952 में घग्घर नदी के बाएँ तट पर (पीलीबंगा हनुमानगढ़) की। 1961 में बी.बी. लाल (बृजवासी लाल) तथा बी. के. थापर (बालकृष्ण थापर) द्वारा यहाँ उत्खनन कार्य करवाया गया। इसके पश्चात् एम.डी. खरे, जे.पी. जोशी, के.एम. श्रीवास्तव ने … Read more

जालोर व सिरोही : चौहान वंश

जालोर के चौहान वंश 19. जालौर की चौहान शाखा का संस्थापक कौन था?(A) कीर्तिपाल (B) लक्ष्मणसिंह (C) रतनसिंह (D) गोविन्दराज (A) स्पष्टीकरण • 1181 ई. में कीर्तिपाल ने जालौर में चौहान वंश की नींव डाली। • जालौर के चौहान सोनगरा चौहान कहलाते है। कीर्तिपाल का उत्तराधिकारी समरसिंह था। • समरसिंह ने जालौर दुर्ग की प्राचीर, … Read more

आहड़ सभ्यता : Aahad Sabhyata

आहड़ सभ्यता : परिचय आहड़ सभ्यता के अवशेष उदयपुर से उत्तर पूर्व में 4 किमी. दूर आहड़ कस्बे में बनास की सहायक नदी आयढ़ (बेड़च) के किनारे से प्राप्त हुए है। आहड़ की खोज सर्वप्रथम अक्षय कीर्ति व्यास (1953) ने की तथा उसका व्यापक उत्खनन कार्य आर.सी. अग्रवाल (रतनचन्द्र) ने 1956 में किया। बाद में … Read more

राजस्थान की प्राचीन सभ्यता बैराठ सभ्यता Rajasthan Ki Prachin Sabhyta Bairath

Introduction : बैराठ सभ्यता  1. यह सभ्यता जयपुर से लगभग 170 किमी. उत्तर पूर्व की ओर स्थित है। बैराठ (विराटनगर) एक पौराणिक, ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्त्व का बहुत प्राचीन स्थान है। यह वर्तुलाकार पर्वतमालाओं के मध्य स्थित है जो अपनी ताँबे की खानों के लिए प्रसिद्ध रहा है। यहाँ की पर्वत श्रेणियों से बैराठ नदी … Read more