राजस्थान का जनजाति आंदोलन : मानगढ़ का विराट सम्मेलन

मानगढ़ का विराट सम्मेलन : राजस्थान का जनजाती आंदोलन • गोविन्द गिरि ने अक्टूबर, 1913 में भीलों को बांसवाड़ा को मानगढ़ पहाड़ी पर एकत्र होने के लिए संदेश भेजा, जिसमें पूंजा धीरजी व गोवपालिया ने मुख्य भूमिका निभाई। 30 अक्टूबर, 1913 को सूथ के पुलिस थानेदार ने सिपाही यूसुफ खान व गुलमोहम्मद को मानगढ़ पहाड़ी … Read more

राजस्थान का जनजाति आंदोलन : गोविन्दगिरी का भगत आंदोलन

गोविन्दगिरी का भगत आंदोलन • गोविन्द गिरी का जन्म 20 दिसम्बर, 1858 को बांसिया बेड़सा (डूंगरपुर) में एक बंजारा परिवार में हुआ। यह एक किसान थे। पुत्र व पत्नी की मृत्यु ने इन्हें अध्यात्म की ओर प्रेरित किया तथा वह संन्यासी बन गए तथा कोटा, बूंदी अखाड़े के साधु राजगिरी को अपना गुरू बना लिया। … Read more

राजस्थान का जनजाति आंदोलन : भील विद्रोह

भील विद्रोह (1818-1900) • राजस्थान के दक्षिण-पश्चिमी भाग में उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा तथा सिरोही में भील जनजाति का बाहुल्य रहा है। • मेवाड़ में मराठाओं का हस्तक्षेप होने लगा जिससे महाराणा शक्तिहीन होने लगा इसी मौके का फायदा उठाकर भोमट प्रदेश के भीलों ने लूटमार व चोरी करना प्रारम्भ कर दिया। भील मुखिया (गमेती) मार्गों … Read more

राजस्थान का जनजाति आंदोलन : मेर विद्रोह ( 1818-1821 ).

मेर विद्रोह (1818-1821) मेर बाहुल्य क्षेत्र मेरवाड़ा कहलाता था, जिसका भू-भाग अजमेर, मेवाड़ व मारवाड़ क्षेत्र के अंतर्गत था। • यह क्षेत्र अंग्रेजों के आगमन से पूर्व सीधे तौर पर किसी राजनीतिक सत्ता के नियंत्रण में नहीं था। • अंग्रेज मेरों को अपने नियंत्रण में लाना चाहते थे क्योंकि वह आदिवासियों द्वारा किये जा सकने … Read more

बीकानेर के राजा राय सिंह : साहस और वीरता का प्रतिक

बीकानेर के राजा राय सिंह के अनसुने तथ्य • 1570 ई. में अकबर की अजमेर यात्रा के दौरान लगाये गये नागौर दरबार में बीकानेर का शासक कल्याणमल भी अपने पुत्र कुंवर रायसिंह तथा पृथ्वीराज के साथ मुगल सेवा में उपस्थित हो गया। • नागौर दरबार में ही मुगल सम्राट और बीकानेर राज्य का मैत्री संबंध … Read more

महाराणा राज सिंह की गाथा : मेवाड़ का वीर

राज सिंह परिचय : महाराणा जगतसिंह का पुत्र राजसिंह 1652 को अपने पिता की मृत्यु के बाद मेवाड़ का शासक बना। • राज्यारोहण के समय तत्कालीन मुगल सम्राट शाहजहाँ ने राजसिंह को राणा का खिताब, पांच हजार जात तथा पांच हजार सवारों का मनसब देकर जमथर हाथी, घोड़े आदि भेजे। राज सिंह के द्वारा चितोड़ … Read more

राव चंद्रसेन राठोड़ : मारवाड़ का प्रताप

राव चंद्रसेन राठोड़ : परिचय • जोधपुर राज्य की ख्यात के अनुसार चन्द्रसेन का जन्म 1541 ई. में हुआ।॰ मालदेव अपने ज्येष्ठ पुत्र राम से नाराज था जबकि उससे छोटे पुत्र उदयसिंह को पटरानी स्वरूपदे (चंद्रसेन की माँ) ने राज्याधिकार से वंचित करवा दिया। इस कारण मालदेव की मृत्यु के बाद उसकी इच्छानुसार 31 दिसम्बर, … Read more

गणेश्वर सभ्यता : सीकर

परिचय : गणेश्वर सभ्यता • गणेश्वर सभ्यता सीकर जिले के नीमकाथाना तहसील में कांवली नदी के किनारे से प्राप्त हुई है। इसकी खोज रतनचन्द्र अग्रवाल ने की तथा इसका उत्खनन कार्य रतनचन्द्र अग्रवाल द्वारा 1977 में किया गया और बाद में 1978-79 में विजय कुमार ने निर्देशन में उत्खनन कार्य किया गया। गणेश्वर एक ताम्रयुगीन … Read more

महाराणा सांगा : भारत का हिंदुपत

महाराणा सांगा का परिचय राणा सांगा अपने तीनों भाइयों पृथ्वीराज जयमल व राजसिंह से उत्तराधिकार संघर्ष में जीतकर 1509 ई. में मेवाड का शासक बना। राणा सांगा इतिहास में ‘हिन्दुपत’ नाम से प्रसिद्ध था। उसके शरीर पर 80 घाव थे फिर भी चेहरे से राजोचित तेज टपकता था। राणा सांगा अपने तीनों भाइयों पृथ्वीराज जयमल … Read more

राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग MCQ और अध्यक्ष और सदस्य

राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग MCQ : मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और उनका कार्यकाल अध्यक्ष समय न्यायाधीश कांता भटनागर 23-2000 से 11-08-2000 तक   न्यायाधीश एस. सगीर अहमद 16-02-2001 से 03-06-2004 तक न्यायाधीश एन. के. जैन 16-07-2005 से 15-07-2010 तक न्यायाधीश प्रकाश टॉटिया 11-03-2016 से 25-11-2019 तक न्यायाधीश गोपाल कृष्ण व्यास 23-01-2021 … Read more