जालोर के चौहान वंश
19. जालौर की चौहान शाखा का संस्थापक कौन था?
(A) कीर्तिपाल
(B) लक्ष्मणसिंह
(C) रतनसिंह
(D) गोविन्दराज
(A)
स्पष्टीकरण
• 1181 ई. में कीर्तिपाल ने जालौर में चौहान वंश की नींव डाली।
• जालौर के चौहान सोनगरा चौहान कहलाते है।
कीर्तिपाल का उत्तराधिकारी समरसिंह था।
• समरसिंह ने जालौर दुर्ग की प्राचीर, कोषागार तथा शस्त्रागार का निर्माण करवाया।
समरसिंह ने गुजरात के भीमदेव द्वितीय से अपनी पुत्री लीलादेवी का विवाह किया।
• समरसिंह के बाद में बने शासक उदयसिंह (1205-1257
ई.) ने इल्तुतमिश के आधिपत्य वाले मण्डौर और नाडोल को हस्तगत किया तथा गुजरात के लवण प्रसाद को परास्त किया।
• उदयसिंह के बाद चाचिगदेव (1257-1282 ई.) शासक बना इसने महाराजाधिराज की उपाधि धारण की।
• चाचिगदेव सुल्तान नासिरुद्दीन महमूद व बलबन का समकालीन था परन्तु इन्होंने चाचिगदेव पर आक्रमण करने की हिम्मत नहीं की।
20. जलालुद्दीन खिलजी के आक्रमण के समय जालौर का शासक था?
(A) चाचिगदेव
(B) सामंतसिंह
(C) कान्हड़देव
(D) कीर्तिपाल
(B)
स्पष्टीकरण
सामंतसिंह (1282-1305 ई.) के काल में जलालुद्दीन खिलजी ने 1291 ई. में आक्रमण किया तथा सांचौर तक पहुँच चुके जलालुद्दीन को सामंतसिंह ने सारंगदेव बाघेला की सहायता से आगे बढ़ने से रोका।
21. अलाउद्दीन खिलजी ने सिवाना को जीतकर उसका क्या नाम रखा?
(A) खैराबाद
(B) जलालाबाद
(C) मुस्तफाबाद
(D) मुहम्मदाबाद
(A)
स्पष्टीकरण
सिवाना दुर्ग को जालौर दुर्ग की कुंजी कहा जाता है।
1308 ई. में सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी जालौर के सिवाना किले को जीतकर उसका नाम खैराबाद रखा तथा कमालुद्दीन गुर्ग को वहाँ का प्रतिनिधि नियुक्त किया।
22. अलाउद्दीन खिलजी ने किस वर्ष जालौर विजय की ?
(A) 1301
(B) 1303
(C) 1309
(D)1311
(D)
स्पष्टीकरण
1305 ई. में कान्हड़ देव चौहान जालौर का शासक बना।
कान्हड़देव जालौर के चौहान शासकों में सर्वाधिक शक्तिशाली शासक माना जाता है।
1305 ई. में अलाउद्दीन खिलजी ने सेनानायक ऐन-उल- मुल्क-मुल्तानी को सेना सहित जालौर भेजा और कान्हड़देव को दिल्ली बुलाने में सफल रहा।
दिल्ली दरबार में वातारण उसके स्वाभिमान के विरुद्ध था।
फरिश्ता के अनुसार सुल्तान अलाउद्दीन ने हिन्दु-शासकों की शक्ति को चुनौती दी।
इन सब कारणों से कान्हड़देव दिल्ली दरबार छोड़कर वापस जालौर आ गया।
नैणसी ने युद्ध का कारण कान्हड़देव के पुत्र वीरमदेव द्वारा सुल्तान की पुत्री फिरोजा से विवाह करने से इन्कार करना बताया है।
• इसके बाद खिलजी सेना ने जालौर पर आक्रमण किया।
1311 ई. में अलाउद्दीन खिलजी ने कान्हड़देव के एक दहिया सरदार बीका के विश्वासघात की सहायता से जालौर दुर्ग पर अधिकार कर लिया।
अलाउद्दीन ने जालौर जीतकर उसका नाम ‘जलालाबाद’ रख दिया।
• इस युद्ध में कान्हड़देव वीरगति को प्राप्त हुआ।
• अलाउद्दीन खिलजी ने जालौर दुर्ग में अलाई/तोपखाना मस्जिद का निर्माण करवाया।
अखैराज के शासनकाल में पद्मनाभ द्वारा कान्हड़दे प्रबंध की रचना की गई थी।
सिरोही का चौहान वंश
23. सिरोही चौहान वंश का संस्थापक था?
(A) राव लुम्बा
(B) सहसमल
(C) शिवभान
(D) तेजसिंह
(A)
स्पष्टीकरण
सिरोही चौहान वंश का संस्थापक राव लुम्बा जालौर की देवड़ा शाखा से संबंधित था। इसलिए सिरोही के चौहानों को देवड़ा चौहान कहा जाता है।
राव लुम्बा ने 1311 ई. में परमारों से आबू व चन्द्रावती छीनकर अपनी स्वतंत्र सत्ता की स्थापना की।
राव लुम्बा ने 1320 ई. अचलेश्वर मंदिर का जीर्णोद्वार करवाया।
1321 ई. में लुम्बा की मृत्यु हो गई।
राव लुभ्बा के उत्तराधिकारी तेजसिंह, कान्हड़देव, सामन्तसिंह, सलखा तथा रायमल थे। इन्होंने चन्द्रावली व अचलगढ़ को अपनी राजधानी बनाया।
रायमल के पुत्र शिवभान ने सरणवा पहाड़ों पर एक दुर्ग की स्थापना की तथा वर्ष 1405 ई. में शिवपुरी नामक नगर बसाया।
24. निम्न में से किस शासक ने सिरोही को राजधानी बनाया?
(A) शिवभान
(B) रायमल
(C) सहसमल
(D) लाखा
(C)
स्पष्टीकरण
शिवभान के उत्तराधिकारी सहसमल ने 1425 ई. में सिरोही बसाकर उसे अपनी राजधानी बनाया।
• मेवाड़ महाराणा कुम्भा ने सहसमल को परास्त किया तथा इस विजय के उपलक्ष में अचलगढ़ दुर्ग का निर्माण करवाया।
सहसमल का उत्तराधिकारी लाखा (1451-1483 ई.) ने मेवाड़ शासक ऊदा के शासनकाल में आबू पर पुनः अधिकार कर लिया।
लाखा ने पावागढ़ से कालिका माता की मूर्ति लाकर सिरोही में स्थापित की तथा लाखनाव तालाब का निर्माण करवाया।
लाखा के उत्तराधिकारी जगमाल (1483-15523 ई.) ने मेवाड़ महाराणा रायमल को बहलोल लोदी के आक्रमण के विरुद्ध सहायता की।
सिरोही के अखैराज देवड़ा ने 1527 ई. में खानवा के युद्ध में राणा साँगा की तरफ से भाग लिया।
25. दत्ताणी का युद्ध कब लड़ा गया था?
(A) 1583 ई.
(B) 1576 ई.
(C) 1585 ई.
(D) 1580 ई.
(A)
स्पष्टीकरण
सिरोही के देवड़ा सुरताण ने 1575 ई. में अकबर की अधीनता स्वीकार कर ली।
सुरताण देवड़ा तथा बीजा देवड़ा (जो सिरोही का राज-काज सम्भालता था) में अनबन होने पर मुगल सेना के प्रतिनिधि रायसिंह (बीकानेर शासक) ने सिरोही पर आक्रमण कर बीजा देवड़ा को सिरोही से निकाल दिया तथा सिरोही का आधा राज्य मुगलों के अधीन कर इसे महाराणा प्रताप (मेवाड़) से नाराज होकर अकबर के पास आये प्रताप के सौतेल भाई जगमाल को दे दिया।
जगमाल को सिरोही का आधा राज्य देने से देवड़ा सुरताण ने मुगलों से संघर्ष करना प्रारम्भ कर दिया।
. 1583 ई. में देवड़ा सुरताण तथा मुगल सेना के मध्य दत्ताणी नामक स्थान पर युद्ध हुआ। दत्ताणी के युद्ध में जगमाल की मृत्यु हो गई तथा देवड़ा सुरताण ने पुनः अपने पैतृक राज्य पर अधिकार कर लिया।
26. अंग्रजों के साथ सबसे अन्त में संधि करने वाली राजपूताने की रियासत कौनसी थी?
(A) सिरोही
(B) बीकानेर
(C) जालौर
(D) जैसलमेर
(A)
स्पष्टीकरण
सिरोही के शासक राव शिवसिंह ने 11 सितम्बर, 1823 ई. को अंग्रेजों के साथ संधि कर ली।