चौहान राजवंश mcq : Rajasthan ke Pramukh Rajvansh : Chouhan Rajvansh

राजस्थान के प्रमुख राजवंश मे से एक “चौहान राजवंश” के महत्वपूर्ण प्रश्न ओर नोट्स। चौहान राजवंश mcq

  1. बिजौलिया अभिलेख से किस राजवंश की जानकारी प्राप्त होती है?

(A) चौहान

(B) राठौड़

(C) भाटी

(D) कच्छवाहा

Ans [ A ]

स्पष्टीकरण : चौहान राजवंश mcq

बिजौलिया अभिलेख (1169-1170 ई.) बिजौलिया कस्बे (भीलवाड़ा) के पार्श्वनाथ मंदिर की चट्टान पर उत्कीर्ण संस्कृत भाषी लेख है। अभिलेख की स्थापना जैन श्रावक लोलक ने सामेश्वर के समय में की थी इसका प्रशस्तिकार गुणभद्र था।

शिलालेख में उल्लिखित विप्र श्रीवत्सोगोत्रेभुत के आधार पर दशरथ शर्मा ने चौहानों को वत्सगोत्र ब्राह्मण बताया है।

इस शिलालेख के अनुसार सांभर झील का प्रवर्तक वासुदेव चौहान, चौहान वंश का आदि पुरुष था।

वासुदेव चौहान का समय 551 ई. का माना जाता है।

• इस अभिलेख से राजस्थान के कई क्षेत्रों के प्राचीन नामों की जानकारी प्राप्त होती है- जाबालिपुर (जालौर), शाकम्भरी (सांभर), श्रीमाल (भीनमाल), अहिच्छत्रपुर (नागौर)।

• पृथ्वीराज विजय, शब्द कल्पद्रुत कोष और लाडनूं शिलालेखों में जांगड़ देश, सपादलक्ष और अहिछत्रपुर को चौहानों का निवास स्थान बताया गया है।

कायमखाँ रासो तथा चंद्रावती लेख में भी चौहानों को ब्राह्मणवंशीय माना है।

रायपाल का सेवाड़ी लेख चौहानों को इंद्र का वंशज मानता है।

2. चौहानों का आदिपुरुष कौन था?

(A) वासुदेव चाहमान

(बी) वाक्पतिराजा

(C) विग्रहराज द्वितीय

(डी) पृथ्वीराज तृतीय

Ans [A]

स्पष्टीकरण : चौहान राजवंश mcq

प्रारम्भ में चौहान गुर्जर-प्रतिहारों के सामन्त थे परन्तु गूवक प्रथम (नागभट्ट द्वितीय का सामंत था) ने गुर्जर प्रतिहारों की अधीनता से चौहानों को मुक्त करवाया। इसने हर्षनाथ मंदिर (सीकर) का निर्माण करवाया।

डॉ. ओझा ने चौहानों को सूर्यवंशीय क्षत्रिय व अचलेश्वर मंदिर लेख में चन्द्रवंशीय बताया।

गूवक-द्वितीय के पुत्र चन्दनराज ने दिल्ली के तोमरों को पराजित किया व इसकी पत्नी राणी रूद्राणी (आत्मप्रभा) यौगिक क्रिया में निपुण थी जो प्रतिदिन पुष्कर में एक हजार दीपक अपने इष्टदेव महादेव के समक्ष प्रज्वलित करती थी।

3. निम्न में से किस चौहान शासक ने प्रतिहारों को पराजित किया?

(A) गूवक प्रथम

(B) दुर्लभराज

(C) वाक्पतिराजा

(D) विग्रहराज

Ans [c]

स्पष्टीकरण : चौहान राजवंश mcq

वाक्पतिराज चौहानों का शक्तिशाली शासक था जिसने प्रतिहारों को परास्त किया। वाक्पतिराज के उत्तराधिकारी सिंहराज ने तोमरों व प्रतिहारों को परास्त किया। हर्षनाथ लेख में इसे महाराज की उपाधि से संबोधित किया गया है।

विग्रहराज द्वितीय चौहानों का शक्तिशाली शासक था। 983 ई. के हर्षनाथ लेख (सीकर) से विग्रहराज द्वितीय की विजयों का उल्लेख भी प्राप्त होता है।

नोट: आरबीसी कक्षा 10 में हर्षनाथ शिलालेख 973 ईस्वी का है।

विग्रहराज द्वितीय ने गुजरात के चालुक्य शासक मूलराज को परास्त किया। विग्रहराज द्वितीय के बाद दुर्लभराज और गोविंद तृतीय शासक बने।

• पृथ्वीराज विजय नामक ग्रंथ में गोविन्द तृतीय की उपाधि ‘वैरीघट्ट’ (शत्रुसंहारक) दी गयी है।

फरिश्ता के अनुसार गोविंद तृतीय ने गजनी के शासक को मारवाड़ में आगे बढ़ने से रोका।

दुर्लभराज द्वितीय ने नाडौल के महेन्द्र चौहान (चाहमान) को परास्त किया शक्राई लेख में इसे महाराजाधिराज की उपाधि प्रदान की है।

वाक्पतिराज-II ने मेवाड़ शासक अम्बाप्रसाद को पराजित किया

4. किस शासक ने अजयमेरू (अजमेर) नगर की स्थापना की ?

(A) अजयराज

(B) अर्णोराज

(C) विग्रहराज चतुर्थ

(D) पृथ्वीराज तृतीय

(A)

स्पष्टीकरण : चौहान राजवंश mcq

अजयराज (1105-11333.) के काल को चाहमानों (चौहान) के साम्राज्य निर्माण का काल मानते है।

अजयराज ने उज्जैन पर आक्रमण कर मालवा के परमार शासक को परास्त किया तथा सेनापति सुलहाणा को बंदी बनाया।

पृथ्वीराज विजय के अनुसार अजयराज ने गजनी के मांतग (सालार हुसैन) को परास्त किया।

1113 ई. में अजयराज ने अजयमेरू नगर बसाया तथा चाँदी व ताँबे के सिक्के चलाये जो ‘अजयप्रिय द्रम्भ’ कहलाये।

अजयराज के कुछ मुद्राओं (सिक्कों) पर उसकी रानी सोमलवती के नाम का उल्लेख भी मिलता है।

अजयराज स्वयं शैव मतावलंबी होने के साथ धर्म-सहिष्णु शासक था इसने नये नगर (अजमेर) में जैन मंदिर बनाने की अनुज्ञा दी तथा पार्श्वनाथ मंदिर के लिए सुवर्ण-कलश (स्वर्ण- कलश) प्रदान किया।

अजयराज के काल में हुए दिगम्बर और श्वेतांबर में शास्त्रार्थ की अध्यक्षता भी स्वयं अजयराज ने की जो इसके शास्त्रों का जानकार होने का प्रमाण है।

अजयराज ने राज्य का शासन अपने पुत्र अर्णोराज को सौंपकर शेष जीवन पुष्करारण्य में व्यतित किया।

अजयराज ने अजमेर में दुर्ग बनवाया जो गढ़बीटली अथवा तारागढ़ दुर्ग कहलाता है।

5. पुष्कर के वराह मंदिर का निर्माण किस शासक ने करवाया?

(A) अजयराज

(B) अर्णोराज

(C) विग्रहराज चतुर्थ

(डी) पृथ्वीराज तृतीय

(बी)

स्पष्टीकरण : चौहान राजवंश mcq

अर्णोराज का शासनकाल 1133-1155 ई. तक रहा तथा इसने अजमेर में ‘आनसागर झील’ व ‘पुष्कर’ में वराह मंदिर का निर्माण करवाया।

अर्णोराज ने तुर्कों एवं मालवा के शासक नरवर्मन को परास्त किया, परन्तु गुजरात के शासक कुमारपाल चालुक्य से परास्त हुआ।

अर्णोराज ने गुजरात के चालुक्य शासक जयसिंह की पुत्री कान्चनदेवी से विवाह कर चालुक्यों के साथ संबंध बनाये।

1142 ई. में कुमारपाल चालुक्य के शासक बनने पर चहमान व चालुक्य संघर्ष पुनः प्रारम्भ हो गया।

कुमारपाल व अर्णोराज के मध्य हुए युद्ध का वर्णन हेमचंद्र कृत ग्रंथ द्वयाश्रय महाकाव्य तथा मेरुतुंग कृत प्रबंध चिन्तामणि में प्राप्त होता है।

अर्णोराज शैव धर्मावलंबी होने के साथ धर्म-सहिष्णु शासक था उसने अजमेर में खरतगच्छ (जैन धर्म का एक पंथ) के अनुयायियों को भूमिदान दिया।

देवबोध और धर्मघोष अर्णोराज के समय के प्रकाण्ड विद्वान थे।

अर्णोराज ने गजनवियों को परास्त किया तथा मालवा और हरियाणा अभियानों का नेतृत्व किया।

अर्नोराज की हत्या उसके बड़े बेटे जग्गादेव ने की थी।

• पितृ-हंता जग्गदेव के अल्पकालीन शासन के पश्चात् विग्रहराज चतुर्थ 1158 ई. को शासक बना।

6. हरिकेलि नाटक की रचना की?

(ए) विग्रहराज चतुर्थ

(C) हमीरदेव ने

(बी) पृथ्वीराज तृतीय

(डी) गोविंदा III

(A)

स्पष्टीकरण : चौहान राजवंश mcq

विग्रहराज चतुर्थ (1158-1163 ई.) का काल चौहानों का स्वर्ण काल (दशरथ शर्मा) माना जाता है।

विग्रहराज ने तोमरों को पराजित कर दिल्ली पर अधिकार किया। यह दिल्ली पर अधिकार करने वाला पहला चौहान शासक था।

पंजाब में हिसार और अन्य प्रदेश को मुसलमानों से जीतकर अपने अधिकार में किया।

इसने चालुक्य शासक कुमारपाल से पाली, जालौर व नागौर छीनकर उन पर चौहानों का अधिकार स्थापित किया।

विग्रहराज ने अपने राज्य की सीमा शिवालिक पहाड़ी सहारनपुर (उत्तरप्रदेश) तक विस्तारित कर दी।

विग्रहराज ने म्लेच्छों का दमन कर आर्यवर्त को आर्य भूमि में रूपांतरित की।

• विग्रहराज ने बीसलपुर बसाकर वहाँ बीसलपुर झील बनवाई। • विग्रहराज चतुर्थ ने हरिकेलि और उसके दरबारी विद्वान सोमदेव ने ललित विग्रहराज नाटक की रचना की।

जयानक भट्ट ने विग्रहराज चतुर्थ को ‘कवि बांधव’ (कटिबन्धु) की उपाधि दी।

• विग्रहराज शैव मतावलंबी होने के साथ सहिष्णु शासक था उसने जैन मंदिरों का निर्माण करवाया तथा धर्मघोष सूरी के

कहने पर एकादशी के दिन पशुवध पर प्रतिबंध लगाया।

सोमदेव ने विग्रहराज को वीरो में ही नहीं अपितु विद्वानों में भी अग्रणी माना है।

7. किस चौहान शासक ने अशोक के स्तंभ पर अपनी प्रशस्तिः उत्तकीर्ण करवाई?

(A) पृथ्वीराज चौहान तृतीय

(B) अर्णोराज

(C) अजयराज

(D) विग्रहराज चतुर्थ

(D)

स्पष्टीकरण : चौहान राजवंश mcq

विग्रहराज चतुर्थ का लेख अशोक के दिल्ली शिवालिक अभिलेख (फिरोजशाह की लाट भी कहते है) पर उत्तकीर्ण है जो 1164 ई. में उत्तकीर्ण करवाया गया था।

विग्रहराज ने अजमेर में एक संस्कृत पाठशाला बनवाकर उस पर हरिकेलि नाटक की पंक्तियां खुदवाई। कुतुबुद्दीन ऐबक ने इसे तुड़वाकर वहाँ ‘ढ़ाई दिन का झोंपड़ा’ नामक मस्जिद बनवाई।

• विग्रहराज चतुर्थ निर्मित संस्कृत पाठशाला (अढ़ाई-दिन का झोंपड़ा) को कर्नल टॉड ने हिन्दु शिल्पकला का प्राचीनतम व पूर्ण परिष्कृत नमूना कहा है।

• किलहोर्न ने विग्रहराज चतुर्थ की प्रशंसा करते हुए स्वीकार किया है कि “वह उन हिन्दू शासकों में से एक व्यक्ति था जो कालिदास और भवभूति की होड़ कर सकता था।”

• विग्रहराज चतुर्थ तथा कन्नौज के गहड़वाल शासक विजयचन्द्र के मध्य दिल्ली को लेकर युद्ध हुआ जिसमें विग्रहराज विजयी हुआ।

विग्रहराज चतुर्थ के बाद अपरगांग्य शासक बना तथा इसके बाद पृथ्वीराज द्वितीय ने शासन संभाला।

8. किस चौहान शासक ने ताजुद्दौला को परास्त किया?

(A) विग्रहराज चतुर्थ

(B) पृथ्वीराज द्वितीय

(C) सोमेश्वर

(D) अपरगांगेय

(B)

स्पष्टीकरण : चौहान राजवंश mcq

पृथ्वीराज द्वितीय ने अपने मामा गुहिल वंशी किल्हण को हांसी दुर्ग का अधिकारी नियुक्त किया।

• पृथ्वीराज ने सतलज के तट पर स्थित पंचपट्टन राज्य पर आक्रमण कर वहां के शासक को बंदी बना लिया।

• पृथ्वीराज द्वितीय ने लाहौर के यामिनी वंशी तुर्क शासक खुसरो मलिक ताजुद्दौला को भी परास्त किया।

• पृथ्वीराज द्वितीय ने बिजौलिया के पार्श्वनाथ मंदिर को मोरझरी गाँव अनुदान में दिया।

पृथ्वीराज द्वितीय की निःसंतान मृत्यु के बाद सोमेश्वर (अर्णोराज का पुत्र) चौहान शासक बना।

9. बिजौलिया शिलालेख की रचना किसके काल में हुई?

(A) विग्रहराज चतुर्थ

(B) पृथ्वीराज द्वितीय

(C) सोमेश्वर

(D) अपरगांगेय

(C)

स्पष्टीकरण : चौहान राजवंश mcq

सोमेश्वर ने अपने मंत्री कदम्वास (कैम्बास) की सहायता से शासन संचालित किया।

सोमेश्वर ने त्रिपुरी के कलचुरि (चेदि वंशी राजा अचल की पुत्री) वंश की राजकुमारी कर्पूरदेवी से विवाह किया। इससे पृथ्वीराज तृतीय व हरिराज नामक पुत्रों का जन्म हुआ।

सोमेश्वर ने अपने पिता अर्णोराज तथा स्वयं की मूर्ति बनाकर नवीन मूर्तिकला को जन्म दिया।

बिजौलिया अभिलेख (1169-1170 ई.) का उत्कीर्ण सोमेश्वर चौहान के समय में हुआ। इस लेख में सोमेश्वर को प्रतापंलकेश्वर कहा गया है।

सोमेश्वर ने मल्लिकार्जुन को परास्त किया।

अंत में चालुक्य शासक भीम द्वितीय ने आक्रमण कर सोमेश्वर की हत्या कर दी।

10. पृथ्वीराज तृतीय की संरक्षिका थी?

(A) सोमलवती

(B) कर्पूरी देवी

(C) देवलदे

(D) कणकावती

(B)

11. पृथ्वीराज तृतीय ने किस वर्ष महोबा के चंदेल शासक को परास्त किया था ?

(A) 1181 ई.

(B) 1182 ई.

(C) 1191 ई.

(D) 1192 ई.

(B)

12. तराईन का द्वितीय युद्ध कब हुआ ?

(A) 1181 ई.

(B) 1182 ई.

(C) 1191 ई.

(D) 1192 ई.

(D)

13. किस शासक ने दलपुंगल की उपाधि धारण की –

(A) महाराणा जगतसिंह द्वितीय

(B) महाराजा सवाई जयसिंह

(C) बीसलदेव चौहान

(डी) पृथ्वीराज चौहान III

(D)

स्पष्टीकरण : चौहान राजवंश mcq

• पृथ्वीराज चौहान ने दलपुंगल की उपाधि धारण की।

• इनके दरबार में जयानक, पृथ्वीभट्ट, वागीश्वर, चंदबरदाई, विद्यापति गौड़, विश्वरूप, जनार्दन आदि विद्वान थे।

• पृथ्वीराज तृतीय के दरबारी जयानक ने पृथ्वीराज विजय तथा चन्दरबरदाई ने पृथ्वीराज रासो (इसे पूरा जल्हण ने किया) लिखी।

पृथ्वीराज तृतीय ने दिल्ली में पिथौरागढ़ के किले का निर्माण करवाया।

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